बुआ को रजाई में चोदा

 हेलो फ़्रेंडज़,

आज जो काल्पनिक कहानी मैं लिखने जा रहा हूँ, वो मेरे और मेरी बुआ के बीच की चुदाई कहानी है। यह कहानी आज से 2 साल पहले की है। मेरी बुआ का नाम रूपा है, उनकी उम्र 50 साल है लेकिन उन्हें देख कर कोई नहीं कह सकता कि वो 50 पार हो गई है। उनका फिगर साइज 40 38 42 है।


चलो अब ज्यादा बोर नहीं करते हुए कहानी पर आता हूं।


बात उस समय की जब बुआ के बेटे की शादी हुई. मैं भी शादी में गया. ठंड का मौसम था, मैं सुबह 6 बजे बुआ के घर पहुँचा और बेल बजाई.


थोड़ी देर बाद बुआ ने गेट खोला और मुझे देख के ख़ुश हो गई. बुआ उस समय नाइटी में थी और अंदर कुछ नहीं पहना हुआ था। मैं तो बुआ को ऐसे रूप में देख के देखता ही रह गया।

फिर मैंने बुआ को गले लगा लिया और पूछा- कैसी हो बुआ जी आप?

बुआ- मैं ठीक हूँ तुम कैसे हो मेरे बेटे?

में-में ठीक हूँ बुआ।

बुआ-अच्छा हुआ तू जल्दी आ गया. मैं तो परेशान हो गयी भागते भागते! अब तुम आ गए तो थोड़ा आराम मिलेगा मुझे।


मैंने बुआ को और कस के गले लगा लिया. बुआ की चुचियाँ बिना ब्रा के मुझे मेरे सीने पर महसूस हुई और मेरा लंड पैंट के अंदर खड़ा होने लगा और बुआ के पेट के निचले हिस्से पर टच होने लगा।

बुआ को जैसे ही मेरा लंड अपने पेट पर हुआ तो उन्होंने मुझे दूर करके कहा- जा बेटा, ऊपर रूम में जाकर थोड़ा आराम कर ले।

मैं- ठीक है बुआ!


और बुआ के सामने अपने लंड को पैंट में एडजस्ट करते हुए ऊपर रूम में चला गया.

मैं अपनी अंडरवियर उतार कर लोअर पहन के सो गया।


2 घण्टे बाद बुआ मुझे उठाने आई. उस समय मेरा लंड पूरा खड़ा था और मैं सीधा लेटा हुआ था।

बुआ- कपिल … उठ बेटा, बहुत देर हो गई है. जा जाकर नाश्ता कर ले और फ्रेश हो जा।


मैंने एक आंख खोल कर बुआ की तरफ देखा तो बुआ मेरे खड़े लंड को घूर रही थी. मैं सोने का नाटक करता रहा।

बुआ मेरे पास आई और फिर बोली- कपिल, उठ बेटे!

और मुझे छूकर उठाने लगी।


उस समय मेरा शरीर थोड़ा गर्म था कुछ ठंड की वजह से और कुछ सेक्स की वजह से!

बुआ ने जैसे ही मुझे छुआ है … वो वहीं बिस्तर पर बैठ गयी मेरे सिरहाने- ओह्ह कपिल, तुम्हें तो बुखार है. रुको मैं डॉक्टर को बुलाती हूँ।

मैं- रहने दो बुआ जी, कुछ नहीं हुआ मुझे … मैं अभी थोड़ी देर मैं ठीक हो जाऊंगा। बस कोई बुखार की दवाई है तो दे दो मुझे।

बुआ- रुक … मैं अभी लाती हूँ दवा देख के।


फिर बुआ दवा लेने नीचे चली गयी और 5 मिनट बाद फिर आई खाली हाथ और कहने लगी- बेटे बुखार की दवा तो खत्म हो गई है. और अभी तक कोई दुकान भी नहीं खुली है कि तुम्हें मैं दवा मंगा के दे सकूं. अब कैसे ठीक होगा तेरा बुखार?

मैं- एक आईडिया है मेरे पास बुखार ठीक करने का … पर वो करेगा कौन मेरे साथ?

बुआ- बोल बेटे क्या करना है? मैं करूँगी तुम्हारे साथ. करना क्या है बोलो बेटा?


मैं- आप नहीं कर पाओगी मेरे साथ बुआ 

बुआ- तुम बोलो तो सही क्या करना है? मैं सब कुछ करूँगी तुम्हें ठीक करने के लिए।मैं- तो ठीक है बता देता हूँ. मुझे किसी औरत के शरीर की गर्मी चाहिए। मुझे ये बीमारी 3 साल से है। हर ठंडी के मौसम में मुझे ये बीमारी 2 या 3 बार होती है। अगर किसी औरत की गर्मी मुझसे मिल जाये तो ये बीमारी 1 घण्टे में खत्म हो जाती है और गर्मी ना मिले तो 5 6 दिन तक बुखार रहता है।

बुआ- बाप रे … आजकल क्या क्या बीमारी होती है?

मैं- मैंने पहले ही बोला था कि आप नहीं करोगी मेरे साथ।


बुआ को चोदने की ट्रिक काम कर गई थी.

बुआ- ठीक है, रुक मैं अभी आती हूँ।

मैं- कहाँ जा रही हो आप बुआ जी?

बुआ-गेट बंद करके आती हूँ।


फिर बुआ गेट बन्द कर के सीधी मेरी रजाई के अन्दर घुस गयी। बुआ का मुंह मेरी तरफ और मेरा मुंह बुआ की तरफ था. मैंने बुआ को अपने से चिपका लिया और उनकी गर्दन पर अपनी गर्म साँसें छोड़ने लगा।


मेरा लंड तो पहले से ही खड़ा था। फिर मैंने बुआ की दायीं जांघ को उठा के अपनी बायीं जांघ पर रख दिया और मैं बुआ से और ज्यादा चिपक गया।

अब हालत यह थी कि मेरा लंड सीधा बुआ की चुत को दस्तक दे रहा था नाइटी के ऊपर से और मेरे होंठ बुआ की गर्दन को चूम रहे थे।


मैं धीरे धीरे अपने लंड को बुआ की चुत पर रगड़ने लगा कपड़ों के ऊपर से। बुआ कुछ नहीं बोल रही थी और उनकी सांस तेज होने लगी। अब मैं थोड़ी देर लंड हिलाना बंद कर बुआ की गर्दन पर जीभ फिराने लगा।




बुआ अब भी कुछ नहीं बोल रही थी बस अपनी साँसें तेज तेज ले रहीं थी। अब मैं नाइटी के ऊपर से ही बुआ की चुचियाँ पकड़ के दबाने लगा और अपने होंठ बुआ के होंठो पर लगा के किस करने लगा। बुआ भी मेरी किस का अच्छा रेस्पोंस दे रही थी।


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