खेत मे माँ को चाचा ने चोदा

 दोस्तों मे अपनी माँ की एक चुदाई की कहानी सुनता हु

मेरा नाम राज है और मेरी मां का नाम सुमन है मेरे पापा नहीं है घर में केवल हम और मेरी मां रहती है और मेरे एक दूर के चाचा जी भी थे दो दिन बाद मेरी मां के पास फोन आया चाचा जी ने कहा बहुत दिन हो गये हैं सुमन  तुम मेरे यहा घूमे नहीं आई हो मां ने कहा चलो थिक है एक दिन आती हु फिर मां ने मुझसे कहा चाचा जी के यह पे चलना है

 मैंने देखा माँ बहुत खुश लग रही थी फिर हम लोग तैयार हो के ट्रेन में बैठे के चाचा जी के पास पहुँच गए चाचा जी वैलगाड़ी से आए थे चाचा जी ने मुझे आने देंगे बैठा दिया कहा तुम बेलगाड़ी चालाओ बो दोनो लोग पिचे बैठने के लिए कुश लग रही थी चाचा मां के ऊपर हाथ फिराया मां ने खा राज ढक गया है मां ने खा राज आया दिखा के गड़ी को चलो फिर हम लोग घर पे आ गए व्हा पे हमने खाना पीना खा के आराम किया

फिर चाचा जी ने कहा मां से चलो तुमको खेत पे गुमा देर से मम्मी फिर तैय्यर हो गए और फिर हम चाचा और मम्मी सबी लोग खेत पे गए चाचा का प्लान मम्मी को चोदना था और फिर हम लोग थोड़ी देर बाद में खेले तब चाचा ने मम्मी के दुद को डबा दिया मम्मी ने कहा राज याही है फिर चाचा जी ने मुझे बुलाया खा राज जाओ तुम खेल के आओ राज ने कुछ ठीक है चाचा जी पर मुझे पता था दाल में कुश काला है तो मैं तब भी मैं हूं चाचा और मम्मी एक सुखा बाबा था उसी में चले गए पर मुझे दूर से खुश दिख नहीं रहा है में उनके पास गया और एक पेड़ के ऊपर चढ़ गया झा बड़ा झड़िया थी वही पे बैठा गया में ढाखा चाचा और मम्मी बात कर रहा जी मम्मी के पेटीकोट में हाथ दाल दिया और चाचा ने धीरे से साड़ी उतर दी और फिर बलाऊस और पेटीकोट भी उतर दिया और मम्मी पुरी नंगी हो चुकी थी और चलाचा पे अपना लैंड बहार निकला और मम्मी उशे डेर लैंड पिन लागी कभी बाहर लोग किस करना सुरु कर दिया और फिर चाचा जी ने मम्मी की चुत में लैंड घुसा दिया और छोड़ना चालू कर दिया मम्मी अवाज निकल रह हिया उह्ह्ह आह्ह्ह्ह

थोड़ा आराम से करो दर्द हो रहा है मुझे भी पता था चाचा जी मेरे भूत बड़े रसिया है अनहोने मम्मी को साड़ी स्टेप में छोटा काम से कम 30 मिनट तक छुडाई हुई मेरा भी कुछ और लोगों ने दिया है अपने अपने कपड़े पचन लिए और हम लोग घर आ गए मम्मी और चाचा जी आज मैं खुश हूं।

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