प्रमोशन के चक्कर में अपनी बहन को चुदवायाप्रमोशन के चक्कर में अपनी बहन को चुदवाया

 

मुंबई में एक बहुत बड़ा फर्म में जॉब करता था, 2 साल हो गया था, और कुछ दोस्त भी होंगे थे, उसमे सबसे अच्छा दोस्त था रोहित । नाम तो अजीब है,  मैं बनारस से कर्ता हूं। रोहित मुझसे पदनाम यानी पोजीशन में एक सीनियर था, पर हम अच्छे दोस्त बन गए थे, उसने मुझे गाइड करी थे, सुरत में। और आज कल तो उसके स्टाइल बढ़ गए थे, क्योंकि उसे प्रमोशन हुई थी, उसे पार्टी भी दी थी। उसने जिस पोस्ट में पहले था, वो अब खाली थी, और सब जानते थे की वो चाहे तो वो पोस्ट किसको भी दे सकता है, तो सबको उसकी सेवा में लग गए, राजनीति जोर पके थे, एक काजल नाम की लड़की तो उसे पिचे पड़ी तुम, मानो चुदवाना भी पड़ तो वो राजी है हम पोस्ट के लिए। लेकिन मेरे प्लान अलग थे, मैं रोहित को अपने कानपुर वाले गांव घूमने को कहा, सोचा एक तो वो मेरा दोस्त है इस्बत पे वो फ़ौरन राजी हो गया क्योंकि उसे कभी कानपुर या कोई गांव नहीं देखा था। तो मैं और वो छुट्टी लेकर कानपुर की उड़ान पकड ली। ऑफिस में ये बात पता लगाने पर हलचल मच गई, क्यूकी सब समझ गए के मैं बड़ी जा रहा था। हे.गोपी का किसी साउथ के गुंडे जैसा चेहरा था उसका, उसकी उमर भी 45 साल की है । मेरी तो शादी नहीं हुई तुम, मम्मी पापा भी का साल पहले चल बेस थे, सिर्फ एक दीदी जो शादी शुदा थी, नाम ममता। उमर 30, बहुत ही गोरी, 5′ 3" एचटी, चुचिया भी फूल उठती थी, अंजीर 40-30-36। बेटी अब 4 साल की है, नाम श्रया जीजू मर्चेंट नेवी में है, तो पैसे की तो दीदी के पास काम नहीं, पर जीजू साल में सिरफ 3 महान के लिए फिर चले जाते हैं और 9 महान के लिए। जीजू 2 माहिने पहले हाय यूरोप रावण हुए, मुझे भेजो। तो मैंने सोचा दीदी को ही बुला लू, वो अच्छा खाना भी बना लेटी है, गोपी को प्रभावित करने के लिए,वो अक्सर किसी बहाने दीदी के रूम में घुस जाता था, कोई चीज मांगे। लेकिन असल में वो दीदी को दूध पिलाते वक्त देखना चाहता था। बहुत ही कमीनपन करने लगा था रोहित । मुझे बड़ा गुसा आया, की मेरे घर आकर मेरी ही दीदी के साथ बतासालुकी कर रहा है। पर थोड़ा सह लेता हूं, तो और 5 दिनो में वापसी की उड़ान से लेजूंगा और फिर प्रमोशन मेरी। वैसा भी दीदी तो उसे नहीं फसने वाली।

लेकिन अगले ही दिन, उसनु मुझसे कहा के वो वापस जाते ही हमें काजल रंडी को होटल में लेकर मस्ती करेगा और इस्तेमाल ही प्रमोशन देगा। इसपर मुझे दुख हुआ, मैंने उससे मिन्नत की मैं उसे दोस्त हूं, लेकिन वो नहीं माना, सिरफ कहने लगा, के अगली बार दूंगा। कहने के लिए…

में —- यार रोहित , तुझे लड़की चाहिए है ना, तो मैं तुझे एक मस्त कॉल गर्ल का इंतज़ाम कर देता हूं। किसी होटल में लेकर जा, और काजल  को भूल जा। रोहित की नज़र ममता पे थी उसने कहा —- मुझे कॉल गर्ल नहीं चाहिए रे, मुझे काजल जैसी एक घरेलु औरत चाहिए। तू परशन मत हो, इसबार काजल, और अगली बार तेरा प्रमोशन। मैं अपने प्रमोशन को लेकर के सपने बना चुका था, और वो सब आसनी से मैं टूटने नहीं दे सकता था। मैने उसे पुछा…
में —-यार तू ऐसा क्यू कर रहा है, तू तो अपना यार है ना। क्या घरेलु घरेलु कर रहा है, कहा से लाउ घरलू रंदी में…??? बात करता है।

इतने में अपने बैग में से छिपाया हुआ कोई समान निकला। मैने गौर से देखा तो ये तो लड़कियों की पैंटी है, और कफी बड़ी सी है। वो खोलकर अपनी नाक के पास लेकर सुघ रहा था

रोहित ———पता है, ये भी एक घरेलु औरत की पैंटी है, है… सूंघना… सूंघना… हम्म्म्ह… क्या खुसबू है । एक बार मिल जाए ना तो... ये प्रमोशन तेरा 100 प्रतिशत।हमें चड्डी की साइज देख कर मेरे आदमी में डर बैठा गया, मैंने जल्दी से पुछा...

में---ये किसकी...है...???

रोहित ----अब तक नहीं समझ,…!!! ममता…

ये सुनकर मुझे बहुत दूख हुआ, लेकिन मैंने अपने आपको संभला और कहा...

में —-यार तू कैसी बात करता है, वो मेरी दीदी है, वो वैसी नहीं है।

रोहित ---- अच्छा !! तब तू बस मेरी थोड़ी मदद कर फिर मैं दिखता हूं के कितनी सही है तेरी ममता दीदी। हाहा ……

में ----कैसी मदद ??
रोहित —-वो मैं तुझे बता दूंगा टाइम पर, बस तू मेरी मदद कर और प्रमोशन तेरा।

में सोचने लग गया, एक तरफ मेरी भोली दीदी, और दसरी तरह मेरा प्रमोशन और अमेरिका का टूर, धेर सारा पैसा। मुझे अब दीदी से बढ़कर प्रमोशन लगने लगा। उससे पूछा बनाने के लिए…

में —- अगर मेरे पूरी मदद के बवजूत तुम नाकाम हुए तो ??

रोहित हसने लगा —- फिर वी ये प्रमोशन मुझे तुझे ही दूंगा। चल हाथ मिला।

फिर उसे अपना प्लान मुझे बताया, मुझे अजीब तो लगा पर क्या करता, प्रमोशन के लिए इतना तो सब करते हैं सोच मन गया। और प्लान के अनसार, खाने के वक्त हम तीनो और क्या एक साथ बैठा खाना खा रहे थे। रोहित बोला ---ममता जी आपके पति आपको 9 महिने अकेले छोड जाते हैं, आपको अकेला पन तो लगता होगा।

दीदी ने लापरवाही से ---- हम्म। थोड़ा लगता तो है, पर काम के साथ दिनभर खेलकर टाइम पास होता है।

रोहित ———हां वो तो है, पर रात को किसके साथ खेलती हैं ?? हेहेहे…

रोहित के पास जा रहा था। पर इस्बत पर दीदी एकदम से मेरी तरफ देखा पर मैं अंजान बनकर  देख रहा था।वो समझ गई के मैं जानकर चुप हूं। तो दीदी भी चुप रही।

रोहित ----आपको बूरा तो नहीं लगा ?? में थोडा ओपन टाइप का हूं। बुरा मत मानना।

दीदी ———नहीं नहीं। यह ठीक है।
फिर कोई बड़ी बात नहीं हुई, मुझे डर तो दीदी मुझसे कुछ बोलेगी। पर उसे कुछ ना कहा। शाम को फिर मैं जकार दारू की बोतल लाया, और दीदी एक हरी साड़ी में हम दोनो को चकना और कोल्ड ड्रिंक्स परोसने लगी, रोहित ममता दीदी के झुकने पर उसकी चुचियो को देख रहा था। दीदी सब देख रही थी, पर उसके मन में क्या था, ना तो मुझे और नहीं रोहित को मालूम था, खैर मेरी प्रमोशन तो पक्की थी, क्यूकी मैं रोहित की हर बात मान रहा था। इतने में रोहित के इशरे में मैंने दीदी को बुलाया, और दीदी के खाया ही, मैंने उसके हाथ पका कर नाचने को बुला लिया, रूम में हल्की रोशनी वाली एकक्षलाइट जल रही तुम। मैं दीदी को रोहित की या रख कर आंखे बंद कर के जनबुझकर दूसरे तरफ घूम गया, ले दीदी को लगे मैं नहीं देख पा रहा, और रोहित दीदी के पिचे हाथ मारने लगा, दीदी ने जब कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, तो वो दीदी को खड़ा होकर हाथ उम्र कर दीदी के चुचियो को पकड़ लिया। दीदी के मुह से निकला ... "आआआह ..."

दीदी मुझे पिचसे बुलाई पर इतने में मैंने दरवाजा धम्म से बंद कर दिया, और वो दो रह गए, बाहर आइसक्रीम दूंगा बोल के उसका मन बहलाने लगा, और इंतजार करना लगा।अंदर दीदी के दो चुचियो को रोहित के हाथ बेदर्दी से मसल रहे थे, ब्लाउज के ऊपर से ही। दीदी उसके हाथ में की कोशिश कर रही थी, इतने में रोहित का चेहरा दीदी के बगीचे में अलग, और उसे कान में फुसफुसाया...

रोहित ———-sssssshhh... यह हमारे बीच एक रहस्य होगा। एक बार बस…

तबी दीदी ढाका देकर उसकी काबू से छुटी और चिल्ला कर कह...

दीदी —-ये क्या कर रहे हैं, मैं शादी शुदा हूं, बहार मेरा भाई और बेटी हैं।

रोहित हस्ता हुआ दीदी के करीब आया, उसके कांधे में अपने दोने हाथ रख के कहा...
रोहित —-कोई नहीं आएगा, तेरे भाई को कोई समस्या नहीं है, वो तुमको क्या  संभाल लेगा। तू बहुत खूबसुरत है, मैं तेरा दीवाना हूं, बस एकबर अपना ये जिस्म मुझे इस्तमाल करने दे, तेरे भाई को प्रमोशन और बढ़ा दो दिलवूंगा।
इतना कहकर उसे संगीत ऑफ कर्दिया। दीदी उसकी बात पर चुप खदी तुम, और दूसरी या वो दीदी के कांधे पे पल्लू हटा चुका था। दीदी के ब्लाउज और पेट के ऊपर से पल्लू खिसक गया। रोहित ने अपने हाथ दीदी के चर्बी से भरे कमर के दोनो तरह रख दिए। इसपे दीदी पिचे हट गई, तो रोहित उम्र बढ़ा, दीदी पिचे जाते हुए दीवार पे जाकर सट गई, और रोहित ने झट से अपने दोनों हाथ दीदी के बाजुयो के दोनों तरफ के दीवार पे रख के दीदी को घेर लिया। दीदी की सांस जोर से चलने लगी। दीदी की सांसो की आवाज साफ सुनिए डे राही तुम।

रोहित ने अपना चेहरा उम्र लाया और दीदी के पास लाया। दीदी और उसे सांसे एक दूसरे की खुशबू का एहसास  दे रही । पर जैसे ही रोहित अपने हाथ दीदी के होठो पर सताने वाला था, दीदी का चेहरा वही घूम गया और रोहित ने उसके बगीचे पे छूम दिया। दीदी अच्छे बंद करके वैसी ही खदी रही, और रोहित ने अपने हाथो को उसके छत्ती के सामने लाया और दीदी के ब्लाउज के बटन को खोलने लगा। दीदी की सांस और तेज हुई और चुचिया भी उतनी ही जोर से ऊपर होने लगी।

रोहित ने आखिरी बटन खोला और ब्लाउज को दो तरफ कर दिया, अब सफेद ब्रा ही रह गई। पर क्लीवेज साफ दिख रही थी, रोहित ने ब्रा के साथ दोनो चुचियो को ऊपर किया और क्लीवेज में अपना मुह घुसा दिया।

दीदी की रजामंडी साफ समझ चुका था रोहित। उसे मुह निकल कर दीदी से कहा रोहित ————जरा पिछे से ब्रा खोल कर मुझे देखने के लिए।

दीदी अब उस कु गुलाम बन गई , उसने एक हाथ पिछे लिया और झटके से ब्रा खोला। और उसके साथ ही टाइट ब्रा सामने को लपका, जिसे बाहर निकाल के अलग कर दिया

रोहित ———ऊह्ह्ह्ह… माईई…. अच्छाई। ममता तुम बहुत खूबसूरत हो।

रोहित ने दीदी की गोरे चुचियो पे लाइट ब्राउन निपल्स देख कर अपना आपा खो दिया था। अपनी चुचियो की तारीख सुनकर दीदी बहुत मुस्कुराई और कहा...

दीदी ———हे… रोहित जी प्लीज ऐसा मत कहिए शर्म आती है।

रोहित से और सबर नहीं हुआ तो उसे दीदी की बाई चुची को अपने दो हाथो से ऐसे ऊपर किया के निपल्स टावर की तरह उसकी या देख रही हो। फिर जैसे ही आखे बंद कर मुह  खोलकर  निपल्स को  लेने गया...

दीदी ने उसे मुह को अपना हाथ से रोक लिया। और कहा…

दीदी---मिमी..हीम... नहीं...

रोहित की आंखे चौक कर खुल गई, और वो बोला...

रोहित ----अब क्या हुआ..??? मत तड़पाओ, मैं मर जूंऊगा नहीं तो।

दीदी---हे... पहले वादा करो के तुम मेरे भाई को ही प्रमोशन दोगे।

रोहित --- - हा, बाबा। अब क्या लिख ​​कर डू ??

दीदी ——तो ठीक है, लो भूलभुलैया करो।


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प्रमोशन के चक्कर में अपनी बहन को चुदवाया Part -2

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