दुकान वाली भाभी को दबाकर चोदा

 दोस्तो, मेरा नाम सुमित है। मैं कानपुर के एक कॉलेज में पढ़ने के साथ-साथ एक पार्ट टाइम जॉब भी करता हूं।

बचपन से ही खेलों में मेरी रूचि रही और इसी कारण मेरी अच्छी खासी बॉडी है।


कॉलेज में आने के बाद मैं जिम करने लगा और उसके बाद मेरी बॉडी और भी ज्यादा आकर्षक दिखने लगी।


अभी मैं 23 साल का हूं और मेरी हाइट 6 फीट से थोड़ी ऊपर है।

दोस्तो, मुझे अपनी जॉब के कारण कानपुर में अलग अलग जगह जाकर लोगों से मिलना पड़ता है और उनसे भुगतान लेना होता है।

एक दिन मेरे बॉस ने मुझसे कहा कि मुझे विजयनगर जाना है और वहां पर किसी सुरेश नाम के आदमी से मिलकर पैसे लेने हैं।


उन्होंने मुझे उसका नंबर और एड्रेस भेज दिया और मुझे जाने के लिए कहा।


मैं अपने एक दोस्त को लेकर निकल गया। मैं बताये हुए पते पर पहुंचा लेकिन उस गली में उस एड्रेस से मुझे घर नहीं मिला।


मैंने सुरेश को फोन करने की कोशिश की लेकिन उसका नम्बर भी बंद आ रहा था।

फिर मैंने बॉस को फोन करके सुरेश की फोटो मांगी तो उसने मुझे फोटो दे दी।


हम लोग उसकी फोटो दिखाकर वहां पर आसपास के लोगों से पूछने लगे।


मेरा दोस्त पूछ रहा था और मैं पास की एक दीवार पर बैठ गया।


चूंकि सर्दियों का मौसम चल रहा था तो सब लोग गली में बैठकर धूप सेंक रहे थे।

कई बूढ़ी महिलायें और बच्चे भी बाहर बैठे धूप सेंक रहे थे।


पास में ही एक परचून की दुकान भी थी तो काफ़ी औरतें दुकान के सामने बैठ कर गप्पें मार रहीं थीं।


मैंने जब उधर देखा तो दस-बारह औरतों में एक 28-30 साल की औरत थोड़ी अलग बैठी बात कर रही थी।


मैं तो उसे देखते ही बस देखता ही रह गया।


उसे देखकर लग रहा था जैसे भगवान ने एक एक अंग तराश कर कोई खूबसूरती का पुतला तैयार किया हो।

मैं थोड़ी देर तक तो भूल गया कि मैं कहां हूं। मैं उसके मखमली बदन को देखे जा रहा था।


भाभी के भारी वक्ष, भरा हुआ बदन और रसीले होंठ गजब ढहा रहे थे।

मैं बस उसी में खो गया और ताकता रहा।


कुछ देर बाद जब उसे अहसास हुआ कि कोई उसे घूर रहा है तो उसने मेरी तरफ देखा।


फिर वो दोबारा से बातें करने लगी।

अब वो बातें करते हुए बीच बीच में मुझे भी देख रही थी।

मैं अभी भी उसी की ओर देखे जा रहा था।


तभी किसी ने पास आकर पूछा- दुकान पर कोई है नहीं क्या?

ये बात उस भाभी ने भी सुनी और वो एकदम से उठकर चली।


उसकी उठी हुई गांड और मटकती चाल देखकर मेरा लौड़ा तो खड़ा होने लगा।


वो चलकर दुकान में आई और ग्राहक से बात करने लगी।

मैं उसको ही देख रहा था।


थोड़ी देर बाद जब ग्राहक उनकी दुकान से चला गया तो मैं दुकान पर जाकर खड़ा हो गया और उन्हें देखने लगा।


उन्होंने थोड़ी देर तक मुझे देखा और बोली- क्या चाहिए?

मैंने एकदम से बोला- तुम।

वो थोड़ा हिचकिचा कर बोली- क्या कह रहे हो?


मैंने थोड़ा होश संभाला और उसे सॉरी बोला और कहा- मुझे रसना चाहिए, घूम घूमकर काफी थक गया हूं।

वो हंसने लगी और मुड़कर कुछ ढूंढने लगी। मुझे उसकी गांड अब करीब से दिख रही थी।


फिर पलटकर उसने मुझे रसना दे दिया।

मैंने पूछा- कितने पैसे हुए?

वो बोली- बीस रुपये।


मेरे पास खुले पैसे तो थे लेकिन मैंने जानबूझकर कहा- क्या मैं ऑनलाइन ट्रांस्फर कर दूं? मेरे पास खुले पैसे नहीं हैं।

वो मुस्कराकर बोली- जी, कर दो।


मैंने उसको अपना फोन पकड़ा दिया और उसने अपना नम्बर उसमें भर दिया। मैंने उसको पैसे ट्रांस्फर कर दिए।


मेरा वहां से जाने का मन नहीं कर रहा था लेकिन फिर दोस्त बुलाने लगा तो मुझे वहां से जाना पड़ा।


इत्तेफाक से जो नम्बर उसने दिया था उस पर उसका व्हाट्सएप भी था।

मैंने उसको मैसेज किया तो उसने रिप्लाई भी दे दिया।

फिर इस तरह से मेरी उस भाभी से चैट होने लगी।


उससे बात करने पर पता चला कि उसका पति काम से बाहर ही रहता है और वो घर में अपनी 4 साल की बेटी के साथ रहती है।

फिर हम दोनों में हंसी मजाक होने लगा।


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दुकान वाली भाभी को दबाकर चोदा Part -2

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