देवर को अपना दूध पिला के बुझाई प्यास

 

दोस्तो, मैं सोनाली … आगरा की रहने वाली हूँ.

मेरी शादी को 2 साल हुए हैं और मुझे एक प्यारा बेटा भी है जो अभी एक साल का हुआ है. उसका नाम रोशन है.

वो अभी मेरे मम्मों का दूध ज्यादा नहीं पीता है. इस वजह से मेरे मम्मों से निकलने वाला दूध पूरा न निकल पाने के कारण मम्मों में दर्द देता है.

मैं जबरन उसे अपना दूध पिलाती हूँ … मगर वो नहीं पीता है.


मेरे घर में, मेरे पति, मैं, देवर, सास ससुर और मेरा बेटा … इतने ही लोग हैं.


ये कहानी कुछ समय पहले की ही है, जब हमारी फैमिली एक रिश्तेदार की शादी में जाने वाले थे.

शादी कानपुर में होने वाली थी तो सब लोग दो दिन पहले ही निकल गए थे.


हमारी रात की 8 बजे की ट्रेन थी तो हम सब समय पर स्टेशन आ गए.

फिर ट्रेन आई तो सब अपनी सीटों पर बैठ गए.


मेरे पति कुछ काम के कारण दूसरे दिन आने वाले थे, तो मैं अपने देवर, सास-ससुर और अपने बेटे रोशन ही यात्रा कर रहे थे.

मेरे सास-ससुर की बर्थ दूसरी बोगी में थी. मैं, देवर और रोशन एक साथ दूसरी बोगी में थे.


रोशन के सोने के बाद मैं और देवर काफी देर तक बातें करते रहे.

फिर रात के ग्यारह बजे हम सब सो गए थे.


रोशन मेरे देवर की गोदी में सो रहा था. रात के करीब एक बजे रोशन जाग गया और रोने लगा.


उसके रोने से हम दोनों भी जाग गए. देवर ने रोशन को मुझको दे दिया.


मैंने अपने टॉप का निचला बटन खोला और एक चूचा निकाल कर रोशन के मुँह में दे दिया.

रोशन चुप हो गया और मेरा दूध पीने लगा.


तभी मैंने देवर को देखा तो उसका ध्यान मेरे स्तन के ऊपर ही था.

मुझे उसकी आंखों में वासना साफ दिखाई दे रही थी.


तभी मेरा ध्यान उसकी नाइट पैंट पर गया तो मैंने पाया कि उसका लंड पूरा कड़क हो गया था.

मुझे उसकी हालत देख कर बड़ा मजा आने लगा.


उसका ध्यान अभी भी मेरे स्तनों के ऊपर ही था.

मैंने जानबूझ कर अपना दूसरा स्तन भी बाहर निकाल लिया और पहला वाला अपने बेटे के मुँह से निकाल कर उसे दूसरे मम्मे से लगा दिया.

मेरा पहले वाला दूध हवा में झूल रहा था.


रात का समय था तो सब कोई सोए हुए थे.

मैंने देखा कि मेरे देवर की हालत देखने लायक थी; अब उससे कण्ट्रोल कर पाना मुश्किल हो रहा था.


तभी मैंने देखा कि उसकी नाईट पैंट वीर्य निकलने का कारण लंड के पास धब्बा बन गया था.

ऐसा लग रहा था जैसे मेरे देवर ने पजामा में ही सुसु कर ली ही. उसके पजामे में दाग एकदम साफ दिखाई दे रहा था.

साफ़ मालूम चल रहा था कि शायद उसने अन्दर अंडरवियर नहीं पहनी थी.


जैसे ही उसका वीर्य निकल गया तो वो होश में आ गया. अब उसने मेरी तरफ देख लिया.


मैंने तुरंत अपनी आंखें बंद कर लीं.


मेरी आंखें बंद देख कर उसने राहत की सांस ली और वो उठ कर वाशरूम चला गया.

शायद वो अपने लंड को धोने की लिए गया था.


उसके जाते ही मैं अकेली थी और मुझे उसकी हालत सोच कर काफी हंसी आ रही थी.


तभी वो वापस आ गया.

मैंने तुरंत अपनी आंखें बंद कर लीं.

अब भी मेरे दोनों स्तन बाहर ही थे.


तभी रोशन सो गया तो मैंने आंखें खोलीं और अपने स्तनों को अपने दुपट्टे से ढक लिया था.


अब मैंने देवर की तरफ देखा, तो उसने भी सोने का नाटक किया.

मुझे ये देख कर बड़ा मजा आ रहा था.


हालांकि मेरी चुत में चींटियां रेंगने लगी थीं. उसी वक्त मैंने फैसला कर लिया था कि मैं एक दिन देवर से जरूर चुदवा लूंगी.


कुछ देर बाद मैं भी सोने की कोशिश करने लगी.

मेरा बेटा मेरे सीने पर ही लेटा था.


मेरी आंख बंद होने के कुछ देर बाद मुझे कुछ अजीब सा महसूस होने लगा था.

तभी मैंने चुपके से देखा तो देवर ने मेरे एक स्तन को ऊपर से ही अपने मुँह में ले लिया था और बड़ी वासना से मेरा दूध चूस रहा था.


मैंने महसूस किया कि मेरे स्तनों से दूध टपक रहा था तो मैंने कुनमुनाते हुए जागने का नाटक करना शुरू कर दिया

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