बीवी को डॉक्टर ने चोदा

 Hello dosto , आज रात में नींद अचानक खुल गई. वजह मेरी जान से प्यारी बीवी सोनम अपने मायके चली गयी है.
वास्तव में सोनम ने मुझे चुदाई का ऐसा चस्का लगा दिया है, जो इस उम्र में भी जब तक एक राउंड चुदाई न कर लिया जाय, नींद कोसों दूर रहती है. रही बात सोनम की तो वह चुदाई में बहुत पुरानी खिलाड़ी है. सच तो यह है कि सोनम ने ही मुझे चूत का पुजारी बना दिया। और फिर बो घूमने के बाद घर पे बापस आ गये | अपना होम टाउन छोड़ कर इस तरह मैं अपनी डिअर स्वीट वाइफ सोनम समेत बच्चों के साथ कानपुर से सटे शहर अकबरपुर में शिफ्ट हो गया.
खैर अब आते हैं सीधी बात पर.अकबरपुर में आने के बाद सोनम की चूत में खलबली मचने लगी. हालाँकि मुझे इस बात का बहुत अच्छी तरह से आभास था, मगर नौकरी की व्यस्तता के चलते अपनी डार्लिंग के लिए किसी बिंदास लंड का बदोबस्त नहीं कर पाया था.
इस बीच सोनम को अपने रूटीन हेल्थ चेक अप की जरूरत हुई तो मैंने उसे सभी सुविधा से युक्त सरकारी हॉस्पिटल  खान हॉस्पिटल में जाने को सजेस्ट कर दिया।

इस पर सोनम ने मुझे भी साथ में चलने को कहा. मेरे पास समय तो नहीं था, मगर अपनी जान से प्यारी चुदक्कड़ बीवी की बात भी तो नहीं टाल सकता था. तो छुट्टी लेकर मैडम के साथ हो लिया।
सोनम को सजते संवरते दो घंटे लग गए और हम लोग हॉस्पिटल करीब एक बजे पहुंचे। डॉक्टरों के हर केबिन में खचाखच भीड़ थी. खैर गायनोकोलॉजिस्ट को मैडम दिखाने में कामयाब हो गई और चेक के लिए रेडियोलॉजिस्ट को रेफर कर दिया।

वहां डॉ जगत, जो पेशेंट देखने में बहुत व्यस्त थे, उनके सहायक ने पहले ही बता दिया- आज डॉक्टर साहब आपको चेक नहीं कर पाएंगे मैडम, आप कल आयें!
यह सुनकर जब मैंने सोनम को घर चलने को कहा तो उसने मुझे जोरदार तरीके से आंख मारी और बोली- ‘अब तुम मेरा कमाल देखो, थोड़ा टाइम जरूर लगेगा!
मैं इस बात पर मुस्कुरा दिया।

तब तक मेरा एक प्रोफेशनल मित्र नज़र आ गया. हेलो हाय के बाद उसने अर्जेंसी में मेरा दो घंटे का समय माँगा। कहीं दूर जाना नहीं था, हॉस्पिटल के पास ही उसका काम हो जाना था. मगर वाइफ का बहाना बनाया तो सोनम ने बीच में दखल देते हुए कहा कि उसे दो-तीन घंटे तो लगेंगे ही, इतने में आप भाई साहब का काम भी कर लेंगे।

सोनम की बात में वजन भी दिखा।
वैसे भी हम दोनों पति-पत्नी लंड-चूत के मामले में बहुत ईमानदार हैं. अगर कही चुदाई कर ली तो मिलने के बाद सबसे पहले चुदाई की मस्ती पर चर्चा करते हैं.

लिहाजा मैं अपने मित्र के साथ हॉस्पिटल कैंपस से निकल बाहर निकल गया.

करीब ढाई-तीन घंटे बाद मैं वापस आया तो हॉस्पिटल में बिलकुल सुनसान माहौल था. मैं सीधे डॉक्टर के कैबिन में पंहुचा, उस समय कोई पेशेंट नहीं था और न ही डॉक्टर साहब का असिस्टेंट या कंपाउंडर।
डॉक्टर साहब और सोनम हंस हंस गप्पें लड़ा रहे थे.

मुझे देखते ही सोनम ने डॉक्टर साहब से बड़ी गर्मजोशी के साथ मेरा परिचय कराया। डॉ. जगत भी मुझसे बेहद अपनेपन से मिले। अपने ड्रावर से निकाल कर उन्होंने चॉकलेट के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाया।
उधर सोनम डॉक्टर साहब की तारीफ़ में कसीदे पढ़ रही थी तो डॉक्टर भी कुछ पीछे नहीं रहा.

माहौल देखकर समझ गया कि सोनम ने अपने लिए लंड का जुगाड़ कर लिया है.

बहरहाल डॉक्टर से विदा लेकर हम दोनों घर की रवाना हुए. मगर सोनम जब तब डॉ. जगत के केबिन की रनिंग कमेंट्री नहीं बता लेती उसे चैन नहीं हो रहा था. मुझे वे बातें शेयर करने के लिए घर पहुंचने ही सोनम ने सिरदर्द का बहाना बनाया। बच्चे भी तब तक स्कूल से आ चुके थे, लिहाजा मुझे भी थकान और सिरदर्द का बहाना करना पड़ा.

सोनम ने हम दोनों को घंटे भर आराम करने के लिए शोरगुल न करने और शांति के साथ होम वर्क करते रहने को कहा.

अब भीतर से दरवाजा बंद करने के बाद मेरी जान सोनम बिल्कुल बिंदास हो गई, जैसे उसे कोई बहुत बड़ा खजाना मिल गया हो. मैं अपने कपड़े बदलने लगा तो दूसरी ओर अगले कुछ ही पलों में मैडम ब्रा-पैंटी में आ गईं और मुझसे लिपट गईं. इधर मेरा लंड भी दहाड़ मारने लगा.
कहानी तो मैं भी समझ चुका था, लिहाजा अपनी सोनम की जुबानी सुनने को बेताब हो रहा था.

तब तक हम दोनों बेड पर थे और मेरा लौड़ा सोनम का खिलौना बना हुआ था.

पाठकों, अब बताता हूँ सोनम के शब्दों में डॉ जगत के साथ खेली गई चुदाई की होली का आँखों देखा हाल:

तब तक करीब सवा दो बज चुके थे और डॉ जगत अपने सभी पेशेंट निबटा चुके थे; रूटीन के काम बंद होने का समय था, असिस्टेंट जा चुका था और डॉक्टर साहब अपनी रिपोर्ट बनाने में जुटे हुए थे. तभी कंपाउंडर ने सोनम को अगले दिन आने को कहा क्योंकि वह खुद भी जा रहा था.
मगर सोनम ने जब उसे डॉक्टर से केवल एक मिनट के लिए मिलाने का रिकवेस्ट किया तो डॉक्टर ने आवाज देकर कहा- दातादीन, तुम मैडम को भेज दो.
इसके बाद लगे हाथ उन्होंने अपने कम्पाउंडर को जाने की इजाज़त दे दी.

सोनम जैसे ही डॉक्टर के केबिन में अंदर गयी, तभी डॉक्टर पहली ही बॉल पर क्लीन बोल्ड हो गया था. मगर अपने आप को संतुलित रखा.
होता भी कैसे नहीं? दोनों ही अधेड़ उम्र के थे. सोनम की बिंदास अदा, गोरा जिस्म, गोलमटोल चूतड़, 36″ साइज़ की मस्त चूचियां किसी को चोदने के लिए मजबूर देंगी और सोनम को इसी बात का गुमान भी है.

खैर, डॉक्टर ने अपने आप पर काबू रखा और सोनम से उनकी प्रॉब्लम पूछा।
फिर सोनम ने अदा बिखेरते हुए कहा- बहुत, खुजली होती है और जलन भी!
इस पर डॉक्टर ने कुछ सवाल और भी पूछे, मगर आखिरी सवाल था- सेक्स करते समय कंडोम तो इस्तेमाल करती हैं न?

इस सवाल का सोनम ने जो जवाब दिया उसे सुनते ही डॉ जगत भीतर से हिल गए.
सोनम बोली- डॉक्टर साहब, क्या हस्बेंड के साथ भी कंडोम लगाया जाय?
औपचारिक तौर पर तो उन्होंने हाँ बोल दिया, मगर साथ अपनी ओर से एक सवाल और दाग दिया।

वे हिचकिचाते हुए बोले- तो हस्बेंड के अलावा भी कोई है क्या?
सोनम का तीर सटीक निशाने पर लगा था; झुकते हुए सोनम ने जवाब दिया ताकि डॉक्टर को चूचुक भी दिख जायें, वैसे भी मैडम के कुर्ते का फ्रंट डीप लो कट में होता है, जिससे किसी का भी लंड उनकी चूचियाँ देख कर कुलबुलाने लगे.
जवाब था- नहीं, केवल एक फ्रेंड है कभी कभार के लिए!

अब तक तो डॉक्टर के चेहरे पर लाल डोरे नज़र आने लगे, मगर बेचारे ने खुद को संभाले रखा. आखिर क्या करता?

बहरहाल डॉक्टर ने मेरी मैडम को चेकिंग के लिए भीतरी केबिन में मशीनों के बीच लगे बेड पर कपड़े निकाल कर लेटने को कहा तो सोनम कूल्हे मटकाते हुए ऐसे चली जैसे चुदने जा रही हो. दरअसल डॉक्टर ने सोनम को पजामी का नाड़ा ढीला करने को कहा था, क्योंकि उस बेचारे को चूत चेक करनी थी, मगर मैडम सारे कपड़े निकाल कर ब्रा-पैंटी में लेट गयी।

यह भी डॉक्टर के लिए बड़ा झटका था. मगर तब भी उसने शालीनता के साथ कहा- मैडम, आपको केवल पजामी ही हटानी थी.

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