मुझे जागता हुआ देख कर देवर अपनी वाली सीट पर सोने का नाटक करने लगा.
मैंने आंखें खोल कर देवर को घूरा तो वो थोड़ा घबरा सा गया था.
उसकी हालत देख कर मैं अपनी हंसी नहीं रोक पा रही थी.
कुछ देर बाद वो सच में सो गया था.
तो मैं भी सो गयी.
करीब तीन घंटे बाद मुझे असहज सा महसूस होने लगा. मेरी नींद भी खुल गयी थी. मैंने देवर की तरफ देखा तो वो भी सो रहा था, लेकिन उसका लंड अभी भी कड़क ही दिख रहा था.
मेरे स्तन उसका कड़क लंड देख कर फिर से कड़क होने लगे थे क्योंकि मम्मों से दूध निकले 3 घंटे हो गए थे लेकिन मेरा बेटा रोशन अभी सो ही रहा था.
मैंने घड़ी में टाईम देखा तो रात के 4 बज चुके थे.
अब मेरी हालत और भी खराब हो रही थी.
मैंने रोशन के मुँह में एक स्तन दे दिया फिर भी वो मेरा दूध नहीं पी रहा था.
शायद अभी उसे भूख नहीं थी.
अब मुझे अपने चूचों में दर्द होने लगा था. मेरे स्तन दूध के कारण भारी हो रहे थे.
मुझे कुछ सूझ ही नहीं रहा था, तब मैंने वॉशरूम जाकर अपना दूध निकालने का फैसला किया.
वहां जाकर देखा तो आवारा किस्म के लड़के वहां पर थे तो मैं वापस आकर मेरी सीट पर बैठ गयी.
अब मेरी छाती से दूध अपने आप ही टपकने लग गया था.
मेरी हलचल से देवर भी जाग गया था.
वो मुझे जागा हुआ देख कर बोला- आपको कुछ चाहिए क्या भाभी?
मैंने ना में सर हिला दिया.
मुझे सच में हिचकिचाहट होने लगी थी.
मेरे देवर ने शायद ये बात समझ ली थी.
उसने फिर से मुझसे पूछा- क्या आपको कुछ चाहिये भाभी?
अब मुझसे भी दर्द सहन नहीं हो रहा था, लेकिन तब भी मैंने ना कर दिया.
उसी वक्त मैंने अपने मम्मों में गीलापन महसूस किया और हाथ लगा कर देखा तो मेरे दोनों स्तनों से दूध कुछ ज्यादा ही बहने लग गया था.
देवर ने मेरा दूध बाहर टपकता देख लिया.
देवर- भाभी, आपको कुछ चाहिए तो बिंदास बोल दीजिएगा.
मैं बोली- सुनो देवर जी, आप मेरा एक काम करोगे?
देवर- हां बोलो न भाभी!
मैं- मुझे एक खाली बोतल दे दोगे क्या?
देवर- पर मेरे पास बोतल नहीं है.
ये सुन मुझे रोना आ गया.
देवर- क्या हुआ भाभी आप रो क्यों रही हो?
मैं- कुछ नहीं.
देवर- भाभी आप मुझसे कुछ छुपा रही हैं, बोलो न क्या बात है? मैं आपकी कुछ मदद कर सकता हूँ क्या?
मैं- क्या तुम सच में मेरी कुछ मदद करोगे?
देवर- हां भाभी, आप बोल कर तो देखो.
मैं- देखो पवन भैया, मुझे सीने में दर्द हो रहा है, अगर तुम चाहो तो मेरी मदद कर सकते हो.
देवर- अब बोलो भी भाभी.
मैं- शायद तेरे भैया होते तो मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं होती, पर आपको कैसे बताऊं, मुझे शर्म आ रही है.
देवर- क्यों आप मुझे अपना नहीं समझती भाभी, मैं आपकी हर मदद कर दूंगा. अब बता भी दीजिए और वैसे भी देवर का मतलब ही है दूसरा पति. आप बेझिझक होकर बताइए.
मैं- देखो पवन भैया.
देवर- भाभी सिर्फ पवन बोलिएगा न.
मैं- अच्छा पवन सुनो, मेरे दोनों स्तन दूध भर जाने के कारण भारी हो गए हैं. मैं इनमें से दूध निकालना चाहती हूँ, पर रोशन सो रहा है और दूध निकालने के लिए बोटल भी नहीं है. वॉशरूम के पास कुछ बदमाश किस्म के लड़के बैठे हैं, तो मैं वहां भी नहीं जा सकती. अब मेरा टॉप भी गीला हो गया है, मेरा दर्द बढ़ता जा रहा है. तेरे भाई होते तो वो मेरा दूध पी लेते और मेरा दर्द कम कर देते. पर तुम मेरे देवर हो, क्या तुम मेरा दूध पी सकोगे, मुझे बहुत दर्द हो रहा है.
पवन - भाभी आप मुझे पराया ना समझें. मैं भी आपका दूध पी सकता हूँ. चलिए अब पहला अपना टॉप उतार दीजिएगा वरना दाग पड़ जाएंगे. हमें शादी में भी जाना है … दर्द बढ़ने से कोई और दिक्कत न हो जाए. आप जल्दी कीजिएगा.
मैं- पवन लाईट ऑफ़ कर दीजिएगा.
पवन ने लाईट ऑफ़ कर दी.
पवन- आप हिचकिचाइए मत भाभी, टॉप उतार दीजिए.
अब मैंने अपना टॉप पूरा उतार दिया,
पवन मेरी गोद में सर रखकर लेट गया और उसने मेरा एक स्तन अपने हाथ में ले लिया. दूसरे स्तन को मुँह में लेकर चूसने लगा.
जैसे ही मेरा दूध उसके मुँह में गया, उसने मुँह निकाल लिया.
पवन- भाभी आपका दूध बहुत मीठा है, क्या आप मुझे रोज पिलाओगी?
मैं- चल बदमाश कहीं का, रोज की बात करने लगा. पहले आज तो दूध पी ले मेरा और मुझे शान्ति दे दे.
पवन- नहीं पहले आप वादा कीजिए कि आप मुझे रोज दूध पिलाओगी, तभी मैं पियूंगा.
मैंने उसके सर पर हाथ फेर कर कहा- हां पवन वादा है, मैं रोज दूध पिलाऊंगी.
ये सुनते ही उसने भाभी बूब्ज़ चूसना शुरू कर दिया. बड़ी तेजी से उसने मेरा दूध पीना जारी रखा.
मेरे मम्मों से दूध की मानो नदी बह रही थी, मेरा इतना ज्यादा दूध निकल रहा था.
पवन मेरे दूध दबा दबा कर मस्ती से चूस रहा था. मुझे उसका दूध पीना बहुत अच्छा लग रहा था.
अब मैं उसके सर में अपनी उंगलियां ऐसे फेर रही थी मानो वो मेरा बेटा ही हो.
मुझे कुछ ही देर में ठीक लगने लगा था.
पवन ने कुछ ही मिनट में मेरा एक स्तन चूस कर पूरा खाली कर दिया था.
अब वो मेरी तरफ देखने लगा, मानो कह रहा हो कि दूसरा स्तन भी मुँह में दे दीजिए.
मैंने तुरंत अपना दूसरा स्तन भी उसके मुँह में दे दिया था.
वो मस्ती से मेरे दूध को चूस रहा था.
अचानक से मेरी नजर उसके लंड पर गयी, तो उसका लंड पूरा कड़क हो चुका था. उसका खड़ा लंड देख कर मेरी चुत भी गीली हो गयी.
करीब दस मिनट में उसने मेरा दूसरा स्तन भी खाली कर दिया था.
मैंने राहत की सांस ली.
पवन- भाभी आपका दूध पीकर मेरा तो पेट ही भर गया. बहुत मीठा दूध है आपका. आप मुझे रोज पिलाओगी ना?
मैं- हां पवन, पर ये बात किसी को बताना नहीं, यह राज ही रहना चाहिए.
पवन- हां भाभी पक्का … मुझे बस दूध पिलाती रहना.
उसकी इस मासूमियत पर मुझे हंसी आ गई और हम दोनों हंस पड़े.
मैं- पवन, तुम्हारा तो खड़ा हो गया है.
पवन- हां भाभी आपका दूध पीकर तो बुड्डे आदमी का लंड भी खड़ा हो जाएगा.
‘चल झूठा.’
पवन- भाभी सच में … आपके मम्मे बड़े मस्त हैं.
मैंने उसे यूं ही अपनी गोद में सोने को बोल दिया और वो मेरे एक थन को अपने होंठों में दबाए सो गया.
ऐसे ही हम दोनों शादी में कानपुर पहुंच गए. अब पवन मेरा दूध रोज पीने लगा था.
आज 6 महीने बाद भी वो मेरा दूध पीता है.
उसकी हरकतें भी मुझे अच्छी लगती हैं. वो मेरी चूची के निप्पल को पकड़ पकड़ कर जब खींचता है तो मेरी चुत में आग सी लग जाती है.
अब मैं उससे चुत चुदवाने की सोच रही हूँ.
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